मैं तुझे यादों की कब्र में कैद करता हूं। मैं तुझे यादों की कब्र में कैद करता हूं।
आग और पतंगे की प्रेम कहानी। आग और पतंगे की प्रेम कहानी।
भूल बैठे हैं वो अंधकार में ही ज़्यादा होती है उम्मीद सुबह के होने की। भूल बैठे हैं वो अंधकार में ही ज़्यादा होती है उम्मीद सुबह के होने की।
सुबह की वो पहली बूंदे धरती पर जब गिर जाएं सुबह की वो पहली बूंदे धरती पर जब गिर जाएं
ज़िन्दगी झुलसती ना रहे किसी का अन्याय हम ना सहें। ज़िन्दगी झुलसती ना रहे किसी का अन्याय हम ना सहें।
ज़िन्दगी ज़िन्दगी न रही, बन गई महज एक तारीख। ज़िन्दगी ज़िन्दगी न रही, बन गई महज एक तारीख।